लेखनी कहानी -12-Apr-2022 शोर्ट स्टोरी लेखन #मां
जो दुनिया है,"ये वन है कांटो का ,तू फुलवारी है।ओओओ ...माँ, ओ माँ ।" मननू को आज ये गाना सुनाई दिया तो उसकी आँखे डबडबा आई।आज सात साल हो गये थे उसे मायके गये।ससुराल वालों ने मायके जाना बन्द कर रखा था उसका।
मननू अपने घर मे सबसे छोटी थी चार बहनों मे।और माँ की लाडली थी। अकसर उसमे और बड़ी बहन मे ये वाद विवाद होता था कि मननू तू माँ की लाडली है और मननू बडी बहन को बोलती तुम पापा की।ऐसा लगता था दोनों बहनों मे एक होड़ सी थी।बडी की शादी से पहले उसके पिता को हार्ट अटेक आया था।सोई माँ पिता जी अकसर यही बातें करते।पिता कहते,"मै तो मेरी बेटी का कन्या दान कर जाऊँगा ।तेरे वाली बेटी का तू जाने।"माँ हमेशा कहती ,"आप ऐसा क्यो बोलते हैं मननू का मन दुखेगा ।पर पता नही जैसे उसके पिता को पता था।मननू की सगाई की बात चल रही थी तभी पिता का देहांत हो गया।ऐसा नही था मननू को पिता से प्यार नही था।बहुत रोयी थी मननू।पर अभी माँ का आँचल था उसके पास।शादी तो करनी थी।इसलिए पिता की मृत्यु के छह महीने बाद उसके लिए लड़के की तलाश होने लगी।एक रिश्ता आया।मननू का मन ही नही था शादी करवाने का।पता नही क्यो उसे लगता था कि शायद शादी के बाद मे माँ के पास नही आ पाऊँ ।लेकिन उसके पास हां करने के सिवाय कोई रास्ता नहीं था।मननू की शादी मे माँ ने दिल खोलकर दिया पर कहते है लालची लोगों का पेट कभी नही भरता।मननू को ससुराल में ताने मिलतें, "दिया ही क्या है तेरे बाप ने।हमारा हीरे जैसा बेटा था।लाखों रूपये लगते इसकी शादी मे।सास खुद कुछ कम ही बोलती पर बेटे को पूरा सीखा कर रखती थी।मननू के पति ने एक दिन उसे बहला फुसला कर मायके से पैसे लेने भेज दिया।मननू ने सोचा कि हो सकता है उसके पति को बिजनेस में जरूरत हो।उसने मायके से कुछ पैसे वापस लौटने के वादे से लाकर दे दिये।पर यह क्या जैसे ही पति को पैसे मिले उसके तो रंग ढंग बदल गये।जब मननू ने माँ के पैसे वापस करने की बात की जो उसकी माँ की जीवन भर की जमा पूंजी थी।पति ने मननू को पीटते हुए कहा,"मुझ से पैसे मांगे गी।तू क्या खाती नही इस घर मे।अगर माँ की इतनी चिंता है तो चली जा ना उसके पास फिर मेरे पास मत आयी यो।एक चीज चुन ले मायका या ससुराल ।मननू सन्न रह गयी।अब कहाँ जाए।पति को छोड़कर मायके रहे तो माँ को समाज़ जीने नही देगा।अगर पति के पास रहे तो माँ का आँचल छूटता है अब क्या करे।माँ के पास फोन लगाया तो माँ बोली,"बेटी तू अपना घर बसा ।ससुराल रहे गी तो दोनों घरों का मान रहेगा।भगवान चाहे गा तो तू मेरे पास कभी ना कभी तो आयेगी।पैसो की चिंता मत कर।"मननू को आज सात साल हो गये माँ से मिले।आज पता नही कैसे पति को मननू पर प्यार आया या कोई और मकसद है।सुबह कहा,"तुम अपनी माँ को यहाँ बुलाकर मिल सकती हो।आज मननू की माँ आ रही है उससे मिलने सात साल बाद ।माँ आयी तो मननू माँ की गोद मे सिर रखकर खूब रोयी।मननू को ऐसा लग रहा था जैसे सालों से कंटीले वनों मे चल रही थी।आज आकर माँ की गोद में सूकुन पाया है।गाना बज रहा था।"ये जो दुनिया है वो वन है कांटो का तू फुलवारी है।ओ माँ ओ माँ .........््
जोनर# सामाजिक
Abhinav ji
28-Apr-2022 09:36 PM
Best stories ever
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Fareha Sameen
17-Apr-2022 07:32 PM
Good 👍
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Shnaya
13-Apr-2022 11:58 AM
Nice 👍🏼
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Monika garg
13-Apr-2022 12:16 PM
धन्यवाद
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